Pahalgam terrorist attack 2025 के बाद आज़मगढ़ में कैंडल मार्च, पूरे यूपी में विरोध की लहर

22 अप्रैल 2025, एक तारीख जिसे भारत कभी नहीं भूल पाएगा। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल Pahalgam के ऊपरी इलाकों में उस दिन दोपहर के समय ऐसा आतंकी हमला हुआ, जिसने न सिर्फ दो विदेशी पर्यटकों बल्कि 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली। Pahalgam Attack ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


Pahalgam Attack

हमला कैसे हुआ?

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यह आतंकी हमला बेशर्म घास के खुले मैदान में हुआ, जहाँ पर कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग पिकनिक मना रहे थे। तभी आतंकवादियों के एक संगठित समूह ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दी। हमले में मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। यह हमला 2019 के बाद अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।


देशभर में दुख और गुस्सा Pahalgam attack

Pahalgam attack के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, हर जगह इस हमले की निंदा हो रही है। प्रधानमंत्री ने इसे “देश के खिलाफ युद्ध” करार दिया और सुरक्षा बलों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।


आज़मगढ़ में निकला कैंडल मार्च

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में लोगों ने इस आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। नागरिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और यह मांग की कि सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाए और इस हमले में शामिल आतंकियों को कड़ी सजा दे।

लोगों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमेशा हमारे देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं — कभी हमारे जवानों को शहीद कर देते हैं, तो कभी आम नागरिकों को मौत के घाट उतार देते हैं। यह हमला न केवल क्रूर था बल्कि एक घिनौनी मानसिकता का परिणाम था।


सरकार की प्रतिक्रिया: पाँच ऐतिहासिक फैसले Pahalgam attack

Pahalgam Attack के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक बुलाई। बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, NSA अजीत डोभाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पाँच कड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए:


1. सिंधु जल संधि पर रोक

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। जब तक पाकिस्तान आतंक का समर्थन करता रहेगा, तब तक यह संधि लागू नहीं की जाएगी।


2. अटारी-वाघा सीमा सील Pahalgam attack

भारत-पाक सीमा पर स्थित अटारी-वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो पाकिस्तानी नागरिक पहले से भारत में हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले देश छोड़ने को कहा गया है।


3. वीज़ा नीति में बदलाव Pahalgam attack

अब पाकिस्तान के नागरिकों को SAARC वीज़ा सुविधा (SVES) के तहत भारत में प्रवेश नहीं मिलेगा। पहले से जारी वीज़ा रद्द कर दिए जाएंगे और धारकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।


4. रक्षा सलाहकारों की वापसी

दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत सभी सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। भारत ने इस्लामाबाद से भी अपने सभी सैन्य और राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुला लिया है।


5. उच्चायोग स्टाफ में कटौती

दोनों देशों के उच्चायोगों में अब केवल 30 कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय 1 मई 2025 से प्रभावी होगा।


निष्कर्ष: आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा भारत Pahalgam attack

Pahalgam Attack ने साबित कर दिया कि आतंकवाद अब भी भारत की एक बड़ी चुनौती है। लेकिन अब देश चुप नहीं बैठेगा। सरकार ने जो कड़े फैसले लिए हैं, वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत अब जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

देश की एकता, नागरिकों की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति ही भविष्य का रास्ता है।

ZIYA NEWS

Read this :

कहाँ देखें UP Board Result 2025 10th 12th का रिजल्ट

Pahalgam attack