आजमगढ़ के ठेकमा विकासखंड के राजेपुर गांव पंचायत में शौचालय के निर्माण में 246000 का गबन करने वाले ग्राम प्रधान रामचरित चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है। रामचरित चौरसिया पर आरोप है कि शौचालय के निर्माण में सरकारी धन का गबन किया।
इस मामले की शिकायत जिले के डीएम से की गई थी। शिकायत प्राप्त होने के बाद डीएम ने टीम बनाकर इस मामले की जांच कराई। जांच में आरोपी प्रधान रामचरित चौरसिया दोषी पाए गए। इसके बाद जिले के डीएम रविंद्र कुमार ने आरोपी ग्राम प्रधान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबित होने में लग गए 2 साल
आजमगढ़ के ठेकमा के राजेपुर के ग्राम प्रधान की शिकायत एक आरटीआई कार्यकर्ता ने की थी। अक्टूबर 2023 में कार्यकर्ता ने डीएम से मिलकर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर तत्कालीन डीएम ने एक जांच टीम बनाई। जांच में सामने आया कि शौचालय निर्माण में 2 लाख 46 हजार 486 रुपये का गबन किया गया है।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की। कोर्ट की सख्ती के बाद जिलाधिकारी ने आरोपी ग्राम प्रधान को निलंबित कर दिया और उनके सभी वित्तीय अधिकार भी समाप्त कर दिए। जिले के बड़ी संख्या में ग्राम प्रधानों के खिलाफ अभी भी शिकायत पेंडिंग है। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि इन दोषी ग्राम प्रधानों पर कब कार्रवाई की जाती है।
प्रधानों की गड़बड़ियों की जांच के लिए जांच कमेटियों का भी गठन होता है पर कहीं ना कहीं सिस्टम में सेंधमारी का फायदा यह प्रधान उठा लेते हैं। यही कारण है कि आरोपों की पुष्टि होने के बाद भी निलंबित और अधिकार सीज करने में सालों लग जाते हैं।