Azamgarh Politics 2025: आजमगढ़ की सियासत, जाति समीकरण और विधायक

( Azamgarh Politics 2025 ) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के वह जिला जो अपनी कला संस्कृति और इतिहास को लेकर हमेशा से चर्चा में रहा है उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में आता यह जिला न सिर्फ संस्कृत कल और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है बल्कि राजनीतिक तौर पर भी यह खूब जाना जाता

( Azamgarh Politics 2025 ) है 2025 के वक्त में जिले में सियासत को लेकर जागरूकता बढ़ गई है अब यहां के लोग चुनाव में भी चढ़कर हिस्सा बा खूब लेते हैं जिले में 10 विधानसभा की सीट है और 2 लोकसभा की सीट शायद इसीलिए यह जिला सियासाठी परियों के लिए जरूरी

बनता है इलेक्शन के समय सभी पार्टियों की लड़ाई जबरदस्त होती है जिले ने कई बड़े नेताओं को राजनीतिक तौर पर पहचान भी दिया है समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी 2019 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं अमर सिंह

( Azamgarh Politics 2025 ) जो समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार रहे हैं रमाकांत यादव बीजेपी और सपा दोनों में सक्रिय रह चुके बसपा के साथ भी गए हैं दुर्गा प्रसाद यादव जो मंत्री भी रह चुके हैं |

 

Azamgarh Politics 2025

 

जाति और सामाजिक समीकरण ( Azamgarh Politics 2025 )

आजमगढ़ में जाति समीकरण को लेकर बात की जाए तो यादव राजभर ब्राह्मण मुस्लिम दलित यह मुख्ता यहां निवास कर रहे लोग हैं यहां का चुनाव इन्हीं समीकरण पर आजमाया जाता है और मुमकिन है कि इन्हीं जाति समीकरण को बैठक आजमगढ़

के चुनाव की तैयारी भी होती हैं समाजवादी पार्टी को यादव और मुस्लिम समुदाय का समर्थन ज्यादा मिलता है जबकि भाजपा ने पिछले कुछ सालों में राजभर गए यादव पिछड़ी जातियों और दलितों पर पकड़ बनाने की कोशिश की है लेकिन यह जिला भी ( Azamgarh Politics 2025 )

आजमगढ़ है एक कहावत इस जिले के लिए बहू भी बैठी है कि देखिए ऊंट किस करवट बैठता है ठीक इसी तरह यहां के लोग हैं कब किसका काम अच्छा लग जाए कब किसकी एक छोटी सी बात का बुरा मान जाए और पूरा वोट और जाति समीकरण उलट पलट कर रख दे किसको कब जीता दिन किसको कब हरा दे कोई नहीं जानता

 

चुनावी मुद्दे क्या होते हैं ( Azamgarh Politics 2025 )

यहां के लोगों के लिए मुख्य चुनावी मुद्दे होते हैं सड़क रोजगार बिजली शिक्षा और स्वास्थ्य यहां के राजनेता जनता को यही वादे करते आ रहे हैं यह बहुत हकीकत है कि सड़कों का मुद्दा आज तक इस जिले में खत्म नहीं हुआ 76 साल आजादी के हुए तब से न जाने कितने विधायक आए गए कितने सांसद बने कितने मंत्रियों ने दौरा किया कितने प्रधानमंत्री इस जिले में आए गए मगर जो सड़कों का मुद्दा है यहां आज भी वैसा ही है ( Azamgarh Politics 2025 )

 

 

मीडिया और राजनेता की जबान से बताया गया जिला ( Azamgarh Politics 2025 )

 

आजमगढ़ सिर्फ एक जिला नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक अहम केंद्र है यहां से चुने गए नेता अक्सर राज्य और देश की राजनीति में बड़ा असर डालते हैं इसलिए सियासती परियों के लिए यह जिले की हर सीट बहुत ही जरूरी मानी जाती है लेकिन इन पूर्व में हुई कुछ गलतियों को लेकर या फिर मीडिया के द्वारा दिखाई गई गलतियों को लेकर आजमगढ़ के स्टूडेंट जो( Azamgarh Politics 2025 )

 

Azamgarh Politics 2025

 

जिले से बाहर पढ़ने जाते हैं या वह लोग जो जिले से बाहर नौकरी की तलाश में जाते हैं काम करने जाते हैं रोजगार ढूंढने जाते हैं उनको आज भी यह चीज खटकती है कि हमारे सेल का नाम आजमगढ़ क्यों है कहते हैं आपका नाम ही आपकी पहचान होता है लेकिन बीते समय में कुछ ऐसी गलतियां हुई यहां से जिसको सियासत में और उछाल दिया लेकिन यह जिला कई विद्वानों का

भी है कई लेखकों का है कुल मिलाकर कहने की बात यह है की जिला शिक्षा  ( Azamgarh Politics 2025 ) राजनीति और डेवलपमेंट को लेकर बहुत तेजी से खुद को बदल रहा है आने वाले वक्त में आजमगढ़ जिला पूर्वांचल के कई जिलों को पीछे छोड़ने की उम्मीद कर रहा है अगर राजनेता फिर से अपनी सियासी दाव पेच इस पर ना करें तो |

 

 

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