जौनपुर के बदरुद्दीन पुर गांव में रहने वाले पाटीदारों ने खून की दिवाली मनाई है दरअसल मामला यह है कि 45 साल पहले की जमीन पर निकाला विवाद जमीन को लेकर कहा सुनी और फिर एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति की तलवार से गर्दन काट दिए जिसकी वजह से धड़ एक साइड और सर एक साइड इसके बाद पूरा मामला प्रशासन तक पहुंचता है आगे आप पढ़ेंगे की प्रशासन का क्या एक्शन है |
वर्दी पहन के गाली गलौज करने वाला दरोगा
दोस्तों घटना के उपरांत जब शिकायत करता थाने पहुंचते हैं कि उनके परिवार जन्मों के एक व्यक्ति की गर्दन काट के हत्या कर दी जाती है तो दरोगा जी अपनी खानी मसलने में बिजी रहते हैं मानो की आजादी के बाद से कभी कोई खानी खाया ही नहीं दरोगा जी की अपशब्द कुछ इस प्रकार हैं कि तुम लोग यादव हो जब तक आपस में कट के मर नहीं जाओगे नहीं समझोगे आप खुद सोचिए आज के समय में वर्दी पहने किसी व्यक्ति की इतनी निकली सोच कैसे हो सकती है जातिवाचक शब्दों का इस्तेमाल हालांकि इस पर भी दरोगा के ऊपर के बाबू लोग एक्शन लेने से बहुत पीछे हैं 4 तारीख 11 महीना 2024 को एसडीएम साहब पहुंचते हैं और थोड़ी बहुत कार्यवाही की करते हैं पर जनता इंतजार कर रही है कि हत्यारे का घर बुलडोजर से गिरा दिया जाए |
अनुराग यादव के परिवार की स्थिति
अनुराग यादव पांच बहनों का अकेला भाई था जिसके ऊपर पांच बहनों की जिम्मेदारी होने के साथ-साथ बूढ़े मां-बाप की जिम्मेदारी भी थी अनुराग यादव ताइक्वांडो का अच्छा खिलाड़ी था और भविष्य में चलकर परिवार के साथ-साथ गांव समाज का भी नाम रोशन करता लेकिन यह सब पड़ोसियों से देखा नहीं गया और उसने एक मासूम की जान ले ली अब स्थिति यह है की पांच बहन और बूढ़े मां-बाप इनका सहारा कोई नहीं रहा एक भाई जो अपना परिवार छोड़कर चला गया हो गांव भी इस गम में बहुत उदास है |
गांव के प्रधान का क्या कहना है
गांव के प्रधान पूरी पूरी तरीके से अनुराग यादव के साथ हैं हालांकि कई बात बताते हुए गांव के प्रधान रोने की स्थिति में आ जा रहे हैं इसलिए क्योंकि अनुराग यादव भी तो उसी गांव का था प्रधान जी भी तो उसको अपना परिवार ही मानते हैं प्रधान जी ने साफ तौर पर कह दिया है कि एक बड़ी लड़ाई है इसके इंसाफ के लिए हम लोग आगे तक जाएंगे सरकार की तरफ से अगर इंसाफ नहीं दिया गया तो हम फिर कोर्ट में इस मामले को ले जाएंगे हाई कोर्ट जाएंगे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे मगर इस मामले में इंसाफ ले कर लौटेंगे बड़ी बात है कि किसी गांव का प्रधान इस तरीके की बात कह रहा हो अन्यथा आज के प्रधान तो बस काम से कम रखने का काम करते हैं
यादव महासभा के अध्यक्ष सपा नेता ने क्या कहा
अनुराग यादव के घर यादव महासभा के अध्यक्ष समेत कई नेता पहुंचे हुए थे जो दुख में शामिल हुए हालांकि यह बात बड़ी अजीब है और हजम नहीं हो रही के पिछड़े दलित की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव इस मुद्दे पर सिर्फ एक ट्वीट करके रह जाते हैं वह जाकर अनुराग यादव के परिवार जनों से मिलते नहीं है उनके दुख में शामिल नहीं होते हैं हालांकि सिर्फ यह विपक्ष की बात नहीं रही भारतीय जनता पार्टी में मंत्री गिरीश चंद यादव की भी मातृभूमि और उनके इलाके की बात है उसके उपरांत भी कोई मदद सरकारी नहीं मिल पाई भारतीय जनता पार्टी सरकार में है जो गरीबों की होने की बात करती है पर गरीबों के होने से तो सिर्फ सरकारों को नुकसान होता है फायदा क्या ऐसी सरकार का होना फिर तो कोई भी आए सब एक बराबर |
हत्या करने वाले व्यक्ति के पास से बरामद हुए हथियार
दरअसल हत्या करने वाला व्यक्ति एक संदिग्ध अपराधी नमक शब्दों से गांव में जाना जाता है जिसका एक भाई सब इंस्पेक्टर है इसलिए हत्यारा अपने भाई के बल पर बहुत उछलता है ऐसा कहना है गांव वालों का गांव के लोग बताते हैं कि हत्यारे के घर में तीन चार तलवार असला ग्रेनाइट बम आदि प्रकार की चीज बरामद हुई हैं इसके उपरांत प्रशासनिक अधिकारी हत्यारे के घर की रखवाली कर रहे हैं जिस गांव के लोग और भी आग बबूला हो रहे हैं गांव के लोगों का कहना है कि घर गिराओ बुलडोजर चलाओ यह जमीन मृतक अनुराग यादव की परिवार वालों को दे दी जाए लेकिन सरकार ऐसा काम नहीं कर रही है किसकी सरकार है ?